| 1. | मौन होना स्वीकारोक्ति का ही दूसरा नाम है।
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| 2. | मौन होना स्वीकारोक्ति का ही दूसरा नाम है।
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| 3. | मौन होना बोलने की ही एक अवस्था है।
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| 4. | कम-से-कम मौन होना भी कुछ करने जैसा है।
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| 5. | मौन के मायने मौन होना होता है....
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| 6. | अप्रयत्न होने के लिये अन्तः-बाह्य मौन होना अनिवार्य है।
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| 7. | क्योंकि मौन होना भी बोलने का एक ढंग है।
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| 8. | उसका शात और मौन होना पर्याप्त है।
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| 9. | मौन होना बोलने की ही एक अवस् था है।
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| 10. | मौन होना ही सबसे बेहतर विकल्प है.
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